तुम हंबल तो इसकी बड़ी शान है,
तुम सरल तो ये इम्तेहान है,
तुम सुबह तो ये मेरी शाम है,
बाएं तुम, तो राइट में इसका मकान2 है,
तुम सुर तो ये प्रेम-गान है,
इश्क तुमसे, ये यूँही बदनाम है।
तुमसे ज्यादा इसका गुड़गान है,
तुम सीता तो ये मेरा राम है,
पर, तुम स्पेशल तो ये आम है,
ये तुम्हारा ही आन-मान है,
तुम दिल तो ये जान है,
तुम्हें बनाने वाला महान है,
ये तिल, उसी की तो पहचान है।
1. शैतान-क्यूंकि मुख के कॉर्नर पर होने के कारन तुम्हारे बोलने पर इसकी मूवमेंट और चंचलता ज्यादा दिखती है।
2. तुम अर्थात तुम्हारा दिल बायें है पर तिल मुख के दाएं कॉर्नर पर है