आज फिर से,
चहकने का मन हुआ है!
आज फिर से,
महकने का मन हुआ है !
आज फिर से,
सजने का मन हुआ है!
आज फिर से,
संवरने का मन हुआ है!
आज फिर से,
भीगने का मन हुआ है!
आज फिर से,
बिखरने का मन हुआ है !
आज फिर से,
इठलाने का मन हुआ है!
आज फिर से,
उछलने का मन हुआ है !
आज फिर से,
मुस्कराने का मन हुआ है!
आज फिर से,
तुमसे मिलने का मन हुआ है!
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