Saturday, June 29, 2013

मन कागज नाव बनाता है!

जब जब बारिश होती है, 
मन कागज नाव बनाता है!

फिर चींटे को धर लाता है, 
उसको पतवार बनाता है!

फिर चलती नाव को देख, 
तेरे साथ खिल-खिलाता है!


Wednesday, June 26, 2013

शिकायत ...

जब भी न्यूज़ में 
बंगाल की खबर है आती,
मुझे सिर्फ तू, और 
सिर्फ तू ही है याद आती !

सताती,जलाती और है, 
तू मुझे रूलाती 
पर इस कमबख्त दिल को 
सिर्फ तू, और 
सिर्फ तू ही है भाती !

बस एक बात की है, 
शिकायत इसे  
सपने में भी, 
तू अपने रूममेट के 
साथ क्यों, मिलने है आती !

Wednesday, June 12, 2013

नारी

वो तेज है तलवार है,
उससे जीवन का सार है!

वो बारिश में, प्यार की बौछार है,
उससे ही जुड़ा हर परिवार का तार है!

वो सहती रहती हर अत्याचार है,
पर करती रहती उपकार है !

वो करता है, करतार है,
उससे चलती सरकार है!

उसकी महिमा अपरमपार है,
उससे ही तो ये जीवित संसार है !

वो नारी नहीं, देवी का अवतार है,
पूज सको तो पूज लो, जो मिला मौका एक बार है!


Sunday, June 2, 2013

अनकहा रिस्ता

है नादान और चंचल भी
है समझदार और बच्ची भी
कभी समझाती मुझे बच्चों सा
खुद बन के एक बच्चा !

है भाता मुझे उसका
हर रूप, हर गुण है
नासमझ बने बैठें हैं वो
हूँ मैं सोचता उन्हें समझाने की
पर है डर उनके रूठ जाने का !

देखते हैं ये रिस्ता, जो है अनकहा
उनको कबतक है भाता
क्या पता कल जो उनका मूड बदले
वो रिप्लाई करना बंद कर दें !