वो तेज है तलवार है,
उससे जीवन का सार है!
वो बारिश में, प्यार की बौछार है,
उससे ही जुड़ा हर परिवार का तार है!
वो सहती रहती हर अत्याचार है,
पर करती रहती उपकार है !
वो करता है, करतार है,
उससे चलती सरकार है!
उसकी महिमा अपरमपार है,
उससे ही तो ये जीवित संसार है !
वो नारी नहीं, देवी का अवतार है,
पूज सको तो पूज लो, जो मिला मौका एक बार है!
2 comments:
Awesome....Very Nice :-)
@Tejinder ...thanks a lot :)
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