अगर तुम
संभव होती तो,
कहीं जीवन पथ पर
एक माइलस्टोन की तरह
पीछे रह जाती,
बस एक कविता, अनेक
कविताओं में!
पर तुम असंभव हो,
तुम आदि हो, तुम अंत हो,
तुम कभी ना मिलने वाली,
आस हो , प्यास हो
तुम दूर भी मुझसे, और
मेरे आस-पास हो!
संभव होती तो,
कहीं जीवन पथ पर
एक माइलस्टोन की तरह
पीछे रह जाती,
बस एक कविता, अनेक
कविताओं में!
पर तुम असंभव हो,
तुम आदि हो, तुम अंत हो,
तुम कभी ना मिलने वाली,
आस हो , प्यास हो
तुम दूर भी मुझसे, और
मेरे आस-पास हो!
4 comments:
Tareef karu kya in lafzon ki jinki wajah main jaanti hu.
Nice
Wow
Wow
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