शाम की बेला
गरमागरम चाय
बरसती बूँदे
बाल्कनी में खिला
सफ़ेद फूल
मस्जिद की अजान
झूमते नारियल
मेरा अकेलापन
ऍफ़ बी की तेरी
प्रोफाइल पिक
मेरे डेस्क पे पड़ी
"आई टू हैड अ लव स्टोरी"
और लता जी का
"सावन का महीना.."
तेरी याद लाता है
एक बार नहीं
बार बार लाता है ...
Dedicated to: Indu ji
गरमागरम चाय
बरसती बूँदे
बाल्कनी में खिला
सफ़ेद फूल
मस्जिद की अजान
झूमते नारियल
मेरा अकेलापन
ऍफ़ बी की तेरी
प्रोफाइल पिक
मेरे डेस्क पे पड़ी
"आई टू हैड अ लव स्टोरी"
और लता जी का
"सावन का महीना.."
तेरी याद लाता है
एक बार नहीं
बार बार लाता है ...
5 comments:
WOW !!!
love to read,Beautiful....
Thank you so much indu ji,
I am honored :)
Waah! Ending was simply melodious like Lata Di's songs. Beautiful!
Perfect for the season :)
@saru ...thanks a lot :)
@Ghazala...i write my most of the poems in 'saavan' :)
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